by Bayaz-e-Gham | Jul 13, 2020 | Salam
ग़ज़ब है कुर्सियों पर मुजरई ग़द्दार बैठे हैं ज़मीं पर तौक़ पहने आबिदे बीमार बैठे हैं ग़ज़नफ़र ऐसे होते हैं नयासताने शुजाअत के किये क़ब्ज़ा तराई पर अलम बरदार बैठे हैं इजाज़त चाहते हैं हज़रते अब्बास मरने की झुकाये सर जनाबे सैयदे अबरार बैठे हैं जवनाने हुसैनी मशवरे करते...
by Bayaz-e-Gham | Oct 24, 2019 | Nohay
हाय ज़ैनब हाय ज़ैनब हाय ज़ैनब कब्रे शब्बीर पा ज़िंदा से जब आयी ज़ैनब गिर पड़ी देखते ही ताब न लायी ज़ैनब कब्र से रोई लिपट कर कहा उट्ठो बोलो अल्लाह……. कब्र से रोई लिपट कर कहा उट्ठो बोलो कब्र को तकती रही बोल ना पायी ज़ैनब गिर पड़ी देखते ही ताब न लायी ज़ैनब किया इसी बात...
by Bayaz-e-Gham | Oct 22, 2019 | Salam
ए ज़मीने कर्बला तेरा मुक़द्दर देखिये हैं तेरी आगोश में सिब्ते पयम्बर देखिये फ़ातेमा बिन्ते असद ऐजाज़े हैदर देखिये खुल गया दीवारे काबा में नया दर देखिये हौसला शब्बीर का अल्लाहो अकबर देखिये लाते हैं हाथों पा रख कर लाशे अकबर देखिये फैसला यूँ कर्बला में हक़्क़ो बातिल का...
by Bayaz-e-Gham | Oct 21, 2019 | Marsia
चेहलुम जो कर्बला मैं बहत्तर का हो चुका पैवन्द बेकसों के तनो सर का हो चुका और फातेहा हुसैन के लश्कर का हो चुका क़ब्रो पा शोर आले पयम्बर का हो चूका मातम में तीन रोज़ रहे शोरो शैन से रोये लिपट लिपट के मज़ारे हुसैन से मिस्ले चराग़ गोरे गरीबां पा दिल जलाये फूलो के बदले क़ब्रो...
by Bayaz-e-Gham | Sep 30, 2019 | Nohay
कुछ ख़ैमे लगे है जंगल में और छायी हुई वीरानी है अन्सारे हुसैनी प्यासे है और सामने बहता पानी है इस तरह इबादत होती है मैदान की जलती रेती पर ज़ालिम की छुरी है गर्दन पर सजदे में झुकी पेशानी है था दश्ते बला में कौन ऐसा जो फौजे उदू से ये कहता तुम जिसको सताते हो अदा इस्लाम का...