Kab Rehayi Qaid Se Hum Payenje

Noha

कब रिहाई क़ैद से हम पाएगे
ऐ फ़ुपी हम कब मदीने जाएगे
ऐ फ़ुपी ऐ फ़ुपी ऐ फ़ुपी
ऐ फ़ुपी हम कब मदीने जाएगे

हम यहाँ से जाएगें जब अपने घर
ढूंढेगी सब कुन्बे वालो को नज़र
याद आकर सब हमे तड़पाएगे
ऐ फ़ुपी हम कब मदीने जाएगे

मुझसे पूछेगी मेरी हमजोलियाॅ
क्यो सकीना तुमने क्या देखा वहाॅ
अश्क मेरी दास्तां दोहराएंगे
ऐ फ़ुपी हम कब मदीने जाएगे

क्या हुए अम्मू कहाॅ है भाई जाॅ
चेहरा बालो से छिपाए क्यो है माॅ
क्या जवाब उसका भला दे पाएंगे
ऐ फ़ुपी हम कब मदीने जाएगे

हसलियो वाले को पूछेगी कभी
याद मे बाबा की तड़पेगी कभी
कैसे हम बीमार को बहलाएगे
ऐ फ़ुपी हम कब मदीने जाएगे

तड़पेगी सुग़रा पछाड़े खाएगी
हशर से पहले क़यामत आएगी
फिर भी बाबा कब उसे मिल पाएगे
ऐ फ़ुपी हम कब मदीने जाएगे

किस क़दर ग़मगीन है यह दास्ताॅ
रोक ले ईमान बस अपनी ज़बाॅ
सुनने वालो के जिगर फट जाएगे
ऐ फ़ुपी हम कब मदीने जाएगे

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