by Bayaz-e-Gham | Aug 20, 2020 | Nohay
ज़ुल्म जो मुसाफिर पर हो गया न भूलेंगे उसकी तशनाकामी का माजरा न भूलेंगे इब्तेदा न भूलेंगे इन्तहा न भूलेंगे फातिमा के प्यारे का मरसिया न भूलेंगे जो हुसैन पर गुज़री वो जफ़ा न भूलेंगे भूल जायेंगे सब कुछ कर्बला न भूलेंगे...
by Bayaz-e-Gham | Jul 13, 2020 | Salam
ग़ज़ब है कुर्सियों पर मुजरई ग़द्दार बैठे हैं ज़मीं पर तौक़ पहने आबिदे बीमार बैठे हैं ग़ज़नफ़र ऐसे होते हैं नयासताने शुजाअत के किये क़ब्ज़ा तराई पर अलम बरदार बैठे हैं इजाज़त चाहते हैं हज़रते अब्बास मरने की झुकाये सर जनाबे सैयदे अबरार बैठे हैं जवनाने हुसैनी मशवरे करते...
by Bayaz-e-Gham | Jul 13, 2020 | Salam
गर मुझको मज़ारे शहे वाला नज़र आये ए मुजरई फिरदोस का नक़्शा नज़र आये जाना कहूँ क्या मारेया मैं आले नबी का खेमों में ना उतरे थे के आदा नज़र आये कहती थी ये सुगरा के वो किस तरह न रोए आबाद घर अपना जिसे सूना नज़र आये दूल्हा बने क़ासिम ये दुआ करती थीं ज़ैनब अकबर का भी या रब...
by Bayaz-e-Gham | Sep 17, 2019 | Salam
अमीर जिस दरे दौलत पा एक ज़माना हुआ वो घर उजड़ गया ग़ारत वो कारखाना हुआ लगा के बच्चे को एक तीर हुरमुला ने कहा ये काम मुझसे दमे जंग रुस्तमाना हुआ हुसैन ने कभी शिकवा किया ना उम्मत से गिला किया भी किसी से तो दोस्ताना हुआ सुहाब रखता था साये में जिसके नाना को लहद को उसकी...