सब हाले ग़म सुग़रा ज़ैनब से मत पूछो
कैसे लुटा कुनबा ज़ैनब से मत पूछो
हमशकले पैग़म्बर तड़पा था रेती पर
कैसे लगा नेज़ा ज़ैनब से मत पूछो
किस किस को अरमां था अकबर की शादी का
क्यों ना बंधा सेहरा ज़ैनब से मत पूछो
कैसे चला ख़ंजर भाई की गर्दन पर
मंज़र था वो कैसा ज़ैनब से मत पूछो
तुम पर मेरे अब्बास क़ुरबा हुई जब आस
किसने पढ़ा नौहा ज़ैनब से मत पूछो
नोके सिना पर थे सब सर बहत्तर के
क्या क्या बहन देखा ज़ैनब से मत पूछो
जुल्मों सितम ढाना प्यासों को तड़पाना
अहवाल ये सुग़रा ज़ैनब से मत पूछो
दीने पयम्बर पर मक़सदे सर्वर पर
सब का फ़िदा होना ज़ैनब से मत पूछो
बच्चे बिलकते थे जब ख़ैमे जलते थे
माँओं का समझाना ज़ैनब से मत पूछो
कैसे बचा सज्जाद किसने सुनी फर्याद
कैसे जला ख़ैमा ज़ैनब से मत पूछो
ज़िंदा में ऐ हैदर एक बेकसों लाग़र
रोती थी क्यों तनहा ज़ैनब से मत पूछो
Jazakum Rabbokum Khairan Jazah