Noha

मै क़ैदै शाम से मिलने को आई हूं भय्या
गले लगा लो फलक की सताई हूं भय्या

सितम हुए है जो मुझ पर सुना तो दूं तुमको
मै पहले अपना ताअरूफ़ करा तो दूं तुमको
बहन हू आपकी ज़हरा की जाई हूं भय्या
मै क़ैदे शाम से मिलने को आई हूं भय्या

वह क्या ज़माना था कूफ़े मे हम जो रहते थे
मुझको कूफ़े की शहज़ादी लोग कहते थे
पए जहान मै अब जग हसाई हूं भय्या
मै क़ैदे शाम से मिलने को आई हूं भय्या

मुझे सताया गया यूं कि बिन्ते हैदर हूं
मुझे रुलाया गया आपकी जो ख्वाहर हूं
मगर ज़ुबान पर शिकवा न लाई हूं भय्या
मै क़ैदे शाम से मिलने को आई हूं भय्या

वो ही जो आप का ग़मखार था मेरा अब्बास
वो जिसका क़ाफिला सालार था मेरा अब्बास
वो क़ाफिला मै लिए साथ आई हूं भय्या
मै क़ैदे शाम से मिलने को आई हूं भय्या

हुए जो काम शरीराने वक्त के हाथो
जो बुझ गए थे यज़ीदाने वक्त के हाथो
वही चराग़ जलाकर मै आई हूं भय्या
मै क़ैदे शाम से मिलने को आई हूं भय्या

मै जाके सुग़रा को किस किस का पुरसा दू बोलो
वो तुमको पूछेगी तो उससे क्या कहू बोलो
मै तुमसे मशवरा करने ये आई हूं भय्या
मै क़ैदे शाम से मिलने को आई हूं भय्या

सितम जो हम पा हुए वो बताऊँगी कैसै
मदीने वालो को सूरत दिखाऊंगी कैसे
रसन के नील भी शानो पा लाई हूं भय्या
मै क़ैदे शाम से मिलने को आई हूं भय्या

तुम्हे शहीदो का पुरसा मै देना भूल गई
सभी अज़ीज़ो का पुरसा मै देना भूल गई
हया के मारे झुके सर मै आई हूं भय्या
मै क़ैदे शाम से मिलने को आई हूं भय्या

तुम्हे दिखाऊ तो बर्दाश्त कर न पाओगे
जो देख लोगे तो फिर अश्के खूं बहाओगे
कुछ ऐसे दाग़ भी मै दिल पा लाई हूं भय्या
मै क़ैदे शाम से मिलने को आई हूं भय्या

नौहा सुनाओ तुम अरहान वक़्ते ज़ारी है
तुम्हारे नौहे की ईमान इन्तेज़ारी है
मै नौहा सुनने मदीने से आई हूं भय्या
मै क़ैदे शाम से मिलने को आई हूं भय्या

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *