ये तेरी माँजाई भाई चेहलुम करने आई है २

आया है मौका गोरो कफ़न का
उठके तो देखो हाल बहन का
घर घर की अब करके गदाई
चेहलुम करने आई है

रातो को याद आते हो असग़र
बन मे रहोगे तनहा क्यों कर
बानो को एक दिन नींद न आई
चेहलुम करने आई है

माँ के दुलारे बाप के प्यारे
ऐ अलीअसग़र सदक़े तुम्हारे
उठो मेरे लाल अब ये जाई
चेहलुम करने आई है

ऐ मेरे भाई की निशानी
रास न आई शादी रचानी
सर खोले शब्बीर की जाई
चेहलुम करने आई है

ओनो मुहम्मद जाने मादर
तुमने ख़बर तक ली नहीं आकर
माँ ने बड़ी तकलीफ़ उठाई
चेहलुम करने आई है