चश्मे गिरया ढूँड ले रूमाले ज़हरा है कहा
गौहरे नायाब कोई यूँ लूटाता है कहा

राजधानी है रिसालत की दयारे करबला
जो बताती है दरे शाहे मदीना है कहा

बहरे इस्तक़बाल जाओ बोले शह अब्बास से
हुर तो मेरे रुबारु है हुर का बेटा है कहा

लड़खाडाते जा रहे है जनिबे मक़तल हुसैन
कोई बतला दे के सक़्काऐ सकीना है कहा

गोद के पालों को ज़ैनब दे रही हैं इज़्ने जंग
नुसरते शह के मुकाबिल माँ की ममता है कहा

करबाला और शाम दोनो में है औलादे रबाब
फ़ैसला कैसे करे माँ खुद को रहना है कहा

मकतबे शब्बीर से ये दर्स मिलता है शमीम
सर झुकाना है कहा और सर कटाना है कहा