कफनाके बाबा जॉन को कहते थे रोके शब्बर तैयार है जनाज़ा
ए मोमिनो उठाओ काबू में दिल को रख कर तैयार है जनाज़ा
एहले हराम से कह दो दीदार आके कर लें
मज़लूमियत का मातम हलका बना के कर लें
कुछ देर के हैं मेहमान इस घर मैं और हैदर तैयार है जनाज़ा
कफनाके बाबा जॉन को कहते थे रोके शब्बर तैयार है जनाज़ा
एक दुसरे की ढारस एहले हराम बंधाएं
कुलसूम और ज़ैनब बाबा की ले बालाएं
और धयान ये रहे के सर से हेट ना चादर तैयार है जनाज़ा
कफनाके बाबा जॉन को कहते थे रोके शब्बर तैयार है जनाज़ा
हैं मोमेनीन जितने जां अपनी खो रहे हैं
मुश्कुशील कुशाए कुल की मय्यत पे रो रहे हैं
लगता है आसमां भी गिर जाये ना ज़मीं पर तैयार है जनाज़ा
कफनाके बाबा जॉन को कहते थे रोके शब्बर तैयार है जनाज़ा
क्यों हो रहे हैं हम पर ज़ुल्मो सितम मुसलसल
कब तक तड़प तड़प कर रोयेंगे हम मुसलसल
कब तक चलेंगे आखिर कलबो जिगर पे खंजर तैयार है जनाज़ा
कफनाके बाबा जॉन को कहते थे रोके शब्बर तैयार है जनाज़ा
किस किस को हौसला दूँ किस किस को मैं सम्भालूं
एक साथ सबको कैसे सीने से मैं लगा लूँ
अनसरो अक़रबा सब रोते हैं मुझसे मिलकर तैयार है जनाज़ा
कफनाके बाबा जॉन को कहते थे रोके शब्बर तैयार है जनाज़ा
डरता हूँ ग़ैज़ भइया अब्बास को ना आये
माथे पे बल पड़े हैं कूफ़ा उलट ना जाये
समझाऊं भी तो आखिर समझाऊं क्या मैं कह कर तैयार है जनाज़ा
कफनाके बाबा जॉन को कहते थे रोके शब्बर तैयार है जनाज़ा
बाबा का जब जनाज़ा शब्बीर ने उठाया
आसिफ बयां हो कैसे किस तरह सब्र आया
बस रह गया था नौहा मौला हसन के लैब पर तैयार है जनाज़ा
कफनाके बाबा जॉन को कहते थे रोके शब्बर तैयार है जनाज़ा