ख़ूने सरवर रंग लाएगा, परचमे हुसैन लहराएगा २
तुम्हारे सब्र का हर सूँ फ़साना
बहुत मुश्क़िल है आदा को उलझाना
ये तुम्हारा ग़म सारी दुनिया का – दिल हिलाएगा २
शमा हर ज़ुल्म की बुझ कर रहेगी
यज़ीदी एक दिन मिटकर रहेगी
चराग़े हुसैन हर दौर में – जगमगाएगा २
चलेंगी जब तलक ठंडी हवाए
उठेंगी जब तलक काली घटाए
ये सितारा अर्श पर सदा – झिलमिलाएगा २
अली अकबर ने बर्छी रन में खाई
दिले मादर पा भारी थी जुदाई
ग़मे सरवर ज़िन्दगी भर – खुरूलाएगा २
ख़ूने सरवर रंग लाएगा, परचमे हुसैन लहराएगा २