Khaimo Se Aaye Sada Moula Abbas Saqqa Abbas

Noha

खैमो से आई सदा मौला अब्बास – सक़्क़ा अब्बास
प्यासों ने रो कर कहा मौला अब्बास – सक़्क़ा अब्बास

लेकर मश्के आब को सूए दरिया जाईये
खेमो मे बेताब है बच्चों को बहलाईये
बच्चे हैं सब मुंतज़िर पानी ले कर आईये
तश्ना है आले अबा मौला अब्बास

तुम सलारे फ़ौज हो लहरा दो अपना अलम
साक़ी के तुम लाल हो तुम हो सक़्क़ाऐ हरम
कुछ भी इसका ग़म नही शाने हो जाये क़लम
तुमको क्या ख़ौफ़े कज़ा मौला अब्बास

सहमे सहमे ख़ाक पर बच्चे हैं सोए हुए
ज़ैनब निग्रा हैं बनी टूटा सा नेज़ा लिए
मौला हैं मुश्किल कुशा मक़्तल मे आये हुए
तुम भी आ जाओ ज़रा मौला अब्बास

घर से हमशकले नबी सूए मक़्तल हैं चले
दिवड़ी पर हैं बीबियाँ दामन को पकड़े हुए
ज़ैनब को ग़श आ गया आकर मंज़र देखिए
घर मे है महशर बपा मौला अब्बास

शाने पर ले कर अलम जाओ सूए अलक़मा
हर ज़ालिम ने ये कहा अपनी जॉ की अल-आमान
पानी भरलो नहर से रूबाओं का ख़ौफ़ क्या
तुम हो शेरे मुर्तज़ा मौला अब्बास

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خیموں سے آئی صدا مولا عباس – سققا عباس
پياسو نے رو کر کہا مولا عباس – سققا عباس

لے کر مشكے آب کو سوء دریا جاييے
خیموں میں بیتاب ہے بچوں کو بهلاييے
بچے ہیں سب منتظر پانی لے کر اييے
تشنا ہے آل عبا مولا عباس

تم سلارے فوج ہو لہرا دو اپنا علم
ساقی کے تم لال ہو تم ہو سققاے حرم
کچھ بھی اس کا غم نہیں شانے ہو جائے قلم
تمکو کیا خوفے قذا مولا عباس

سہمے سہمے خاک پر بچے ہیں سوئے ہوئے
زینب نگرا ہیں بنی ٹوٹاسا نیزہ لئے
مولا ہیں مشکل کشا مقتل میں آئے ہوئے
تم بھی آ جاؤ ذرا مولا عباس

گھرسے همشكلے نبی سوء مقتل ہیں چلے
ڈوڑي پر ہیں بي بیا دامن کو پکڑے ہوئے
زینب کو غش آگیا آکر منظر دیکھئے
گھر میں ہے محشر بپا مولا عباس

شانے پر لے کر علم جاؤ سوء القما
ہر ظالم نے یہ کہا اپنی جا کی ال اماں
پانی بھرلو نہر سے دوباوں کا خوف کیا
تم ہو شیر مرتضی مولا عباس

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