झूले से कहा अम्मा जाता है मेरा भैय्या
लगता है के होता है अब मुझसे जुदा भैय्या
जो घर से गया अब तक दरिया की तरफ अम्मा
आया ना पलट कर वो हम होते रहे गिरया
हालमिन की सदा सुनकर छोटी सी कमर कसकर
मक़्तल को चला भैय्या, झूले से कहा अम्मा जाता है मेरा भैय्या २
बेदीनों का लश्कर है बेरहम सितमगर है
अकबर है जवा लेकिन असग़र अभी असग़र है
क़द तीर से छोटा है दिल इसलिए रोता है
कुछ कह न सका भैय्या, झूले से कहा अम्मा जाता है मेरा भैय्या २
जलती है ज़मी सारी साया भी नहीं सर पर
बरसात मे तीरो की निकला है महे अनवर
ऐसा न हो डर्र जाए मक़्तल मे न खो जाए
नाज़ो का पला भैय्या, झूले से कहा अम्मा जाता है मेरा भैय्या २
खू अश्क़ होगा उसका सह रोज़ का था प्यासा
उस प्यास की शिद्दत को कह भी नहीं सकता था
थी खुश्क ज़बाँ उसकी सुनती हूँ फुगाँ उसकी
क्या रोने लगा भैय्या, झूले से कहा अम्मा जाता है मेरा भैय्या २
अम्मा ये फिज़ाओ मे बू खून की कैसी है
ये तो मेरे भैय्या की खुशबू मुझे लगती है
क्या तीर चले उसपर एक खौफ सा है दिल पर
क्या ज़ख़्मी हुआ भैय्या, झूले से कहा अम्मा जाता है मेरा भैय्या २
अब तक ना ख़बर आई कैसा है मेरा भाई
क्या प्यास भुझी उसकी दरिया ने की सक़्क़ाई
अब शाम हुई बन्न में क्या सो गया मक़्तल मे
मासूम मेरा भैय्या, झूले से कहा अम्मा जाता है मेरा भैय्या २
अल्लाह हिफाज़त से रखना मेरे भैय्या को
लगजाए ना मैदा में ज़ालिम की नज़र उसको
मै चैन ना पाउगी, मै अश्क़ बहाउगी
गर मिल न सका भैय्या, झूले से कहा अम्मा जाता है मेरा भैय्या २
अकबर भी नहीं लौटें क्या ये भी ना लौटेंगे
क्या बाहो के झुले मे असग़र नहीं झूलेगा
ख़ाली जो रहा झूला रस्ता वो अगर भूला
तड़पूँगी सदा भैय्या, झूले से कहा अम्मा जाता है मेरा भैय्या २
झूले से कहा अम्मा जाता है मेरा भैय्या