हम उठाते है अलम अब्बास का
जान से प्यारा है ग़म अब्बास का
रह गया दुनिया में जो नामे वफ़ा
इसको कहिए बस करम अब्बास का
प्यास से बच्चो की सूखी मश्क़ में
अलक़मा रखना भरम अब्बास का
गर्दिशे आती नहीं मेरे क़रीब
रोज़ मैं भरता हू दम अब्बास का
अपनी बच्ची का सकीना नाम रख
तुझ पर भी होगा करम अब्बास का
हाए पानी मश्क़ से सब बह गया
रह गया घुट घुट के दम अब्बास का
कर्बला आकर ज़रा उम्मुल बनीन
देख तो जाओ हशम अब्बास का
फात्मा के ज़ख्म का मरहम है ये
कम न हो हरगिज़ भी ग़म अब्बास का
काश ऐसा वक़्त भी आये कभी
सर मेरा हो और क़दम अब्बास का
ऐ सबा पायेगी तू दिलशाद के
गोशय्ये दिल मे अलम अब्बास का