जब रन से छुट के आए असीराने कर्बला
ज़ैनब ने क़ब्र थाम के भाई की ये कहा
आँखे ज़मी दिखाती है दुश्मन है आसमाँ
भैय्या जवाब दीजिये जाए बहन कहाँ
भैय्या तुम्हे सकीना बहुत याद करती थी
सर पीटती थी और कभी आह भरती थी
नन्ही सी जॉन रोती थी ले ले के हिचकियाँ
भैय्या जवाब दीजिये जाए बहन कहाँ
भैय्या उठो ग़रीब बहन जाती है वतन
अकबर को साथ करदो के रस्ता है पुरमहँन
अब्बास से कहो के मंगाए अमारिया
भैय्या जवाब दीजिये जाए बहन कहाँ
भैय्या तुम्हारी दुख्तरे नाशाद मर गई
सदमे उठा उठा के जहाँ से गुज़र गई
जो ज़ुल्म हम पा हो चुके क्यों कर करू बयां
भैय्या जवाब दीजिये जाए बहन कहाँ
आबिद बहन की लाश को जब लेके जाते थे
आलम ये ज़ोफ़ खाता था जब डगमगाते थे
हर गाम पर इलझति थी पाओ में बेड़िया
भैय्या जवाब दीजिये जाए बहन कहाँ