लिपटी है जुलजनाह के पैरो से नीमजां
घोड़े से कह रही है ये बिन्ते शहे ज़मां
ले जाना मेरे बाप को ए अस्पे बा वफ़ा
सीना कहाँ मिलेगा पिदर का यतीम को
होगा नसीब रन में न सोना यतीम को
आएगी नींद कैसे सोऊंगी मैं कहाँ पर
सोती थी मैं हमेशा सदरे शहे जमा पर
मक़्तल में अपने बापको पाऊँगी में कहाँ
लिपटी है जुलजनाह के पैरो से नीमजां
आगे कदम बढ़ता नहीं अस्पे बा वफ़ा
जब शाह को इशारा दिया रहवार ने
देखा ज़मीन की जानिब शहे नामदार ने
घोड़े से कह रही थी रो रो के ये सकीना
हो जायगा अकेले दुशवार मेरा जीना
ढाता है मुझ गरीब पा क्या ज़ुल्म आसमां
लिपटी है जुलजनाह के पैरो से नीमजां
आगोश में हुसैन ने लेकर किया सुखन
खेमे में जाओ बेटी ना रोको हुसैन को
अब छोड़ दो सकीना शहे माशराकैन को
ज़ैनब के साथ रहना हर ज़ुल्म दिल पा सहना
शिकवा ना तुम अतश का अपनी फुपि से करना
बिन्ते अली है दश्त में मजबूरो नातवां
लिपटी है जुलजनाह के पैरो से नीमजां
आले इबा पा होगी जफ़ा रन में मेरे बाद
रुखसार पर तमाचे लगाएंगे एहले शर
बलवाये आम में वो फिरायेंगे नग्गे सर
पैरों मैं नातवां के ज़ंजीरें ज़ुल्म होगी
सज्जाद की जो होगी दुर्रों से पुश्त ज़ख़्मी
बंधेंगे रेसमान भी सबकी कलाईयॉ
लिपटी है जुलजनाह के पैरो से नीमजां
दामन तेरा जलाएंगे रन में जफ़ाशीयर
शिमरे लाइन ना देगा तुझे एक क़तरा आब
मक़्तल की सर ज़मीं पर गिरा देगा सारा आब
कार्बोबला के बन मैं जब तू फुगाँ करेगी
उलियान मक़ाम ज़ैनब तुझको तसल्ली देगी
रोवेगी अपने बाप की फुरक़त मैं नन्नी जॉन
लिपटी है जुलजनाह के पैरो से नीमजां
करना तलाश ऐना अबी करके बाप को
मैं मुन्तज़िर तुम्हारा रहूंगा नशेब में
हर वक़्त याद तुमको करूँगा नशेब में
जब नींद तुमको आये मक़्तल की सिम्त आना
जाने रबाब तुमको सीना मिलेगा मेरा
बे गोर होगा लाशाये बेसर मेरा वहां
लिपटी है जुलजनाह के पैरो से नीमजां
पोहचोगी क़ैद होके जो दरबारे शाम में
तश्ते तिला में रख्खा हुआ होगा मेरा सर
इब्नेज्याद तुमको रुलाएगा जान कर
कुछ दूर से पिदर को अपने बुलाना होगा
खुद ही तुम्हारी गोदी मैं मुझको आना होगा
देना है अपने बाप की उल्फत का इम्तेहां
लिपटी है जुलजनाह के पैरो से नीमजां
रोता है अश्क खून के ग़म में तेरे ज़फर
बिन्तुल हुसैन इसको बुलालो मज़ार पर
कुछ रहम खा सकीना दिल सोगवार पर
ग़म में तेरा फिदायी है हिन्द मैं परीशां
फुरक़त में खूं के आंसू रोती है चश्मे गिरयां
मिल जाये आस्ताना तो पा जाये ये अमां
लिपटी है जुलजनाह के पैरो से नीमजां
3 replies on “Liptee Hai Zuljanaah ke Pairo se Neemajaan”
First sher ki first line me kasbe nhi asme hai
Jazakallah… Updated
A.w
Plz upload in english also thank you