by Bayaz-e-Gham | Oct 24, 2019 | Nohay
हाय ज़ैनब हाय ज़ैनब हाय ज़ैनब कब्रे शब्बीर पा ज़िंदा से जब आयी ज़ैनब गिर पड़ी देखते ही ताब न लायी ज़ैनब कब्र से रोई लिपट कर कहा उट्ठो बोलो अल्लाह……. कब्र से रोई लिपट कर कहा उट्ठो बोलो कब्र को तकती रही बोल ना पायी ज़ैनब गिर पड़ी देखते ही ताब न लायी ज़ैनब किया इसी बात...
by Bayaz-e-Gham | Oct 21, 2019 | Marsia
चेहलुम जो कर्बला मैं बहत्तर का हो चुका पैवन्द बेकसों के तनो सर का हो चुका और फातेहा हुसैन के लश्कर का हो चुका क़ब्रो पा शोर आले पयम्बर का हो चूका मातम में तीन रोज़ रहे शोरो शैन से रोये लिपट लिपट के मज़ारे हुसैन से मिस्ले चराग़ गोरे गरीबां पा दिल जलाये फूलो के बदले क़ब्रो...
by Bayaz-e-Gham | Sep 30, 2019 | Nohay
कुछ ख़ैमे लगे है जंगल में और छायी हुई वीरानी है अन्सारे हुसैनी प्यासे है और सामने बहता पानी है इस तरह इबादत होती है मैदान की जलती रेती पर ज़ालिम की छुरी है गर्दन पर सजदे में झुकी पेशानी है था दश्ते बला में कौन ऐसा जो फौजे उदू से ये कहता तुम जिसको सताते हो अदा इस्लाम का...
by Bayaz-e-Gham | Sep 30, 2019 | Nohay
ज़ुल्म के अंधेरो में सब्र की कहानी है अल आतश की आवाज़े दूर तक न पानी है आके हज़रते अय्यूब दो सहारा मौला को हम शबीहे अहमद की लाश अब उठानी है आसमा लरज़ता था और ज़मीन हिलती थी जब कहा ये आबिद ने हाय नातवानी है कर्बला के मैदान में सब्र्रे शाह का उन्वान एक नौजवानी है एक बेज़बानी...