by Bayaz-e-Gham | Jul 13, 2020 | Salam
सब मुझे ज़ाकिर शाहे शोहदा कहते हैं ए सलामी इसे अफ़ज़ाले खुदा कहते हैं आस्ताने शहे मज़लूम का अल्लाह रे शरफ बादशाहों को इसी दर का गदा कहते हैं चलते चलते जो रुका अस्प तो हज़रत ने कहा नहीं मालूम के इस दश्त को क्या कहते हैं आयी हतिफ की निदा घोड़े से उतरो शब्बीर ये वो सहरा...
by Bayaz-e-Gham | Oct 24, 2019 | Nohay
हाय ज़ैनब हाय ज़ैनब हाय ज़ैनब कब्रे शब्बीर पा ज़िंदा से जब आयी ज़ैनब गिर पड़ी देखते ही ताब न लायी ज़ैनब कब्र से रोई लिपट कर कहा उट्ठो बोलो अल्लाह……. कब्र से रोई लिपट कर कहा उट्ठो बोलो कब्र को तकती रही बोल ना पायी ज़ैनब गिर पड़ी देखते ही ताब न लायी ज़ैनब किया इसी बात...