Gazab Hai Kursiyon Par Mujaree Gaddaar Baithe Hain

ग़ज़ब है कुर्सियों पर मुजरई ग़द्दार बैठे हैं ज़मीं पर तौक़ पहने आबिदे बीमार बैठे हैं ग़ज़नफ़र ऐसे होते हैं नयासताने शुजाअत के किये क़ब्ज़ा तराई पर अलम बरदार बैठे हैं इजाज़त चाहते हैं हज़रते अब्बास मरने की झुकाये सर जनाबे सैयदे अबरार बैठे हैं जवनाने हुसैनी मशवरे करते...

Gar Mujhako Mazare Shahe Wala Nazar Aaye

गर मुझको मज़ारे शहे वाला नज़र आये ए मुजरई फिरदोस का नक़्शा नज़र आये जाना कहूँ क्या मारेया मैं आले नबी का खेमों में ना उतरे थे के आदा नज़र आये कहती थी ये सुगरा के वो किस तरह न रोए आबाद घर अपना जिसे सूना नज़र आये दूल्हा बने क़ासिम ये दुआ करती थीं ज़ैनब अकबर का भी या रब...

Chehalum Jo Karbala Main Bahattar Ka Ho Chuka

चेहलुम जो कर्बला मैं बहत्तर का हो चुका पैवन्द बेकसों के तनो सर का हो चुका और फातेहा हुसैन के लश्कर का हो चुका क़ब्रो पा शोर आले पयम्बर का हो चूका मातम में तीन रोज़ रहे शोरो शैन से रोये लिपट लिपट के मज़ारे हुसैन से मिस्ले चराग़ गोरे गरीबां पा दिल जलाये फूलो के बदले क़ब्रो...