Ameer Jis Dare Dolat pa ik Zamana Hua

अमीर जिस दरे दौलत पा एक ज़माना हुआ वो घर उजड़ गया ग़ारत वो कारखाना हुआ लगा के बच्चे को एक तीर हुरमुला ने कहा ये काम मुझसे दमे जंग रुस्तमाना हुआ हुसैन ने कभी शिकवा किया ना उम्मत से गिला किया भी किसी से तो दोस्ताना हुआ सुहाब रखता था साये में जिसके नाना को लहद को उसकी...