Noha

रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं
इब्ने मुल्जिम ने हैदर को मारा
हमसे बिछड़ा है मौला हमारा
रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं

खाक बे वारसी है सरों पर
काले परचम लगे हैं घरों पर
हमसे बिछड़ा है मौला हमारा
रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं

शब् ये उनीसवीं कैसी आयी
खूं मैं डूबा मोहम्मद का भाई
रो रहा है सहर का सितारा
रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं

इब्ने मुल्जिम सितम कैसा ढाया
क़ब्र में सय्यदा को रुलाया
कैसे बच्चों का होगा गुज़ारा
रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं

तेग़ सर पे अली के लगी है
आज शम्मे इमामत बुझी है
दिल यतीमों का है पारा पारा
रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं

माँ के मरने का ग़म कम नहीं था
एक कोहे अलम और टूटा
सोग मैं घर है ज़ेहरा का सारा
रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं

घर मैं हैदर के आहो फुंगा है
ईद नज़दीक ग़म का समां है
ऐसा रमज़ां ना आए दुबारा
रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं

उम्मे कुलसूम ज़ैनब से बोलीं
आज बाबा ने आंखें न खोली
मैंने शाना हिलाकर पुकारा
रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं

सीना कोबी को रेहनो मीसम
क्यों ना फ़र्शे अज़ा पर चले हम
ग़मज़दा चारों सू है नज़ारा
रोज़ादारों क़यामत के दिन हैं