Noha

कल रन में बापा होगा महेशर ए नाना
कल मेरा गाला होगा और खंजर ए नाना

कल इजन ए वेगा जो पायेगा
सीने पे सिना वो खायेगा
कल मुझसे जुदा होगा अकबर ए नाना

कल बैते नबी लुट जायेगा
जब मेरा गाला कट जायेगा
छिन जाएगी ज़ैनब की चादर ए नाना

हर समित उदासी छायेगे
और कार्बोबला थर्रायेगी
कल होगा क़यामत का मंज़र ए नाना

जब मेरी सकीना रोयेगी
सेने पा वो किसके सोयेगे
जब होगा मेरा सर नेज़े पर ए नाना

वो आकर आस बढ़ाएंगे
ज़ैनब को जो तनहा पायेगा
कल आएंगे शब् में खुद हैदर ए नाना

शीराज़ ने जब ये नोहा लिखा
साहिल ने जब ये नोहा पढ़ा
मजलिस में हुआ बरपा महेशर ए नाना

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