Marsia

فوج اعدا میں تلاطم ہے کہ شیر آتا ہے
شیر کے آنے میں اب کچھ نہی دیر آتا ہے
زندگی سے غم ہم نو شاہ میں سیر ر آتا ہے
نام عباس ہے جس کا وہ دلیر ر آتا ہے

فوج پر فوج رسالے پا رسالہ ہوگا
یہ زمیں کیا ہے زمانہ تہ و بالا ہوگا

——————————-

آپ واقف ہیں جو دکھ شام و سحر گزرے ہیں
تین دن رنج و مصیبت میں ادھر گزرے ہیں
فاقوں پر فاقے نبی زادیوں پر پر گزرے ہیں
پیاس میں بچوں کو چوبیس پہر گزرے ہیں

پاس آداب فقط ہے جو یہ غم دیکھتے ہیں
لاش پر لاش چلی آتی ہے ہم دیکھتے ہیں

——————————-

بولے حضرت کے ہوئی مدت آرام تمام
حشر تک آج ہیں سب زیست کے ایام تمام
مجھ کو دیکھو کہ ہوئے سب میرے گلفام تمام
تم وہاں کو گئے یہاں میرا ہوا کام تمام

سر کے کٹنے کی مہم دیکھئے کب سرہوگی
جب مارینگے تو ملاقات میسر ہوگی

——————————-

وان تو سب درہموں برہم تھی سپاہ اظلم
بہرے غم میں یہاں ڈو بے تھے شہنشاہ امم
عرض کرتا تھ بصد اجز یہ سقائے حرم
مشک یہ بالی سکینہ کی ہے اے بحر کرم

 دیکھو غش اسکو کہاں سے یہ جگر لاؤں میں
حکم گر ہوں تو ابھی نہر سے بھر لاؤں میں

——————————-

ہم پا عباس علی وقت ہے تنہائی کا
ہاتھ پکڑو کے سہارا ہو تم ہی بھائی کا
عزم موقوف کرو مارکہ آرائی کا
خوں میں ڈوبو گے کے یہ انجام ہے سقائی کا

نہر فردوس پا منظور ہے جانا تم کو
خوب ہاتھ آگیا پانی کا بہانہ تم کو کو

 

फौजे आदानं मैं तलातुम है शेर आता है
शेर के आने मे अब कुछ नहीं देर आता है
ज़िन्दगी से ग़म हम नोशाह मे सेर आता है
नाम अब्बास है जिसका वो दिलेर आता है

फौज पर फौज रिसाले पा रिसाला होगा
ये ज़मीन क्या है ज़माना तहोबाला होगा

——————————-

आप वाक़िफ़ हैं जो दुख शामो सहर गुज़रे हैं
तीन दिन रंजो मुसीबत मैं इधर गुज़रें हैं
फ़ाक़ों पर फ़ाक़े नबीज़ादिओं पर गुज़रे हैं
प्यास मैं बच्चों पर चौबीस पहर गुज़रे हैं

पासे आदाब फ़क़त है जो ये ग़म देखते हैं
लाश पर लाश चली आती है हम देखते हैं

——————————-

बोले हज़रत के हुई मुदात्ते आराम तमाम
हश्र तक आज हैं सब ज़ीस्त के अय्याम तमाम
मुझको देखो के हुए सब मेरे गुलफाम तमाम
तुम वहाँ को गए यहाँ मेरा हुआ काम तमाम

सर के कटने की मुहीम देखिये कब सर होगी
जब मरेंगे तो मुलाक़ात मयस्सर होगी

——————————-

वाँ तो सब दरहमो बरहम थी सिपाहे अज़लम
बहरे ग़म में यहाँ डूबे थे शहंशाहे उमम
अर्ज़ करता था बसद इज़ ये सकए हरम
मश्क़ ये बाली सकीना की है ऐ बहरे करम

देखूँ ग़श इसको कहाँ से ये जिगर लाऊँ मैं
हुक्म गर हो तो अभी नहर से भर लाऊँ मैं

——————————-

हम पा अब्बासे अली वक़्त है तन्हाई का
हाथ पकड़ो के सहारा हो तुम्ही भाई का
अज़म मोक़ूफ़ करो मरेका आराई का
खून में डुबोगे ये अंजाम है सक़्क़ाई का

नहरे फिरदोस पा मंज़ूर है जाना तुमको
खूब हाथ आ गया पानी का बहाना तुमको

One comment(s) on “Fouje Aadan Main Talatum Hai Ke Sher Aata Hai”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *